
प्रेक्षा ने क्लास में एंट्री की तो जीविका सामने ही खड़ी हुई दिखाई दी। प्रेक्षा ने रिद्धि मैम से अंदर आने की परमिशन ली – ” मैम, मे आई कम इन “
रिद्धि मैम प्रेक्षा की ज्योग्राफी की टीचर थी।
रिद्धि मैम ने अंदर आने का इशारा किया। प्रेक्षा अंदर आकर जीविका के पास खड़ी हो गयी। जीविका और प्रेक्षा मैम की तरफ देखने लगे। तभी अचानक अभिनव हाँफता हुआ दरवाजे के पास पहुँचा और बोला – “मैम, हम आ जाए अंदर। “
मैम ने कहा – ” आ जाओ, जल्दी। “
अभिनव अंदर आकर प्रेक्षा और जीविका के पास खड़े अपने एक दोस्त के पास खड़ा हो गया। थोड़ी ही देर में एक – एक करके उसके सभी दोस्त आने लगे और दरवाजे पर खड़े होकर एक दूसरे को देखकर मुस्कुराते हुए एक साथ बोले – “मैम, अंदर आ जाए। “
रिद्धि मैम हैरानी से उन्हे देख रही थी। फिर मैम ने गुस्से में जवाब दिया – ” अभी तो आपके साथ के दो चार बरातीं नहीं आये होंगे, उनका भी इंतज़ार कर लो।”
मैम की बात सुनकर सभी बच्चे हँसने लगे। फिर मैम ने गुस्से से कहा – ” कीप क्वाएइट “
सब बच्चे चुप हो गए।
तभी दरवाजे पर खड़े सभी लड़को ने एक साथ कहा -” नहीं मैम, बस हो गये बरातीं पूरे। “
पूरी क्लास फिर जोर – जोर से हँसने लगी। तभी मैम ने गुस्से से कहा -” चलो अंदर, बद्तमीज़। “
सब अंदर आकर अभिनव के पास खड़े हो गए।
तभी मैम ने सभी ग्रुप्स के टीम मैंबर्स के नाम बताना शुरू किया। रिद्धि मैम ने कहा – “हर ग्रुप में तीन मैंबर्स होंगे कम से कम। “
फिर धीरे – धीरे मैम ने सभी ग्रुप्स का नाम बताना शुरू किया।
सब मैम को ध्यान से सुन रहे थे। जिसका नाम आ जाता था वो अपने ग्रुप मैंबर्स का नाम नोट कर लेता था। पांच ग्रुप्स के नाम बोलने के बाद मैम ने सिक्स्थ ग्रुप का नाम बताते हुए कहा -” सिक्स्थ ग्रुप में है जीविका, राजेश, और अनामिका। “
जीविका का नाम सुनते ही प्रेक्षा अपने नाम का इंतज़ार कर रही थी, पर मैम ने जीविका को उससे अलग ग्रुप में डाला था। ये सुनते ही वह उदास हो गयी। प्रेक्षा नजरे नीचे करके खड़ी हो गयी। जब मैम ने अगले ग्रुप का नाम बताते हुए प्रेक्षा का नाम लिया , तो जीविका ने प्रेक्षा को कहा – ” सुन तेरा नाम आ गया। “
अभी रिद्धि मैम ने प्रेक्षा का नाम ही बोला था की दरवाजे पर रेजिस्टर लेकर एक सर आ गये। मैम रेजिस्टर पर साइन् कर रही थी और जीविका, प्रेक्षा और अभिनव तीनों ही मैम को गौर से देख रहे थे।
जैसे ही सर क्लास से गए, तीनों ही एक साथ चिल्लाये – ” मैम आगे ।” फिर एक दूसरे की शक्ल देखने लगे।
“क्या आगे ” – मैम ने कहा।
“मैम आप ग्रुप के मैंबर्स के नाम बता रही थी। प्रेक्षा का नाम बोला था, तो अब आगे बाकी मैंबर्स के नाम बताओ ।” – जीविका ने कहा।
“ओह्ह! हाँ, प्रेक्षा के साथ ग्रुप में हैं – राजीव और अभिनव। ” – मैम ने जवाब दिया।
जहाँ ये सुनकर प्रेक्षा और अभिनव दोनों ही आश्चर्यचकित थे। वहीं जीविका और अभिनव के सभी दोस्त मुस्कुरा रहे थे। लेकिन प्रेक्षा और अभिनव तो कभी मैम को देख रहे थे तो कभी एक दूसरे को। प्रेक्षा ने सोचा वो क्लास के बाद मैम को कह देगी कि उसे अभिनव के साथ एक ग्रुप में नहीं होना। लेकिन यहाँ तो उल्टा ही हो गया। अभिनव चिल्लाया – ” एक्सक्युज़ मी मैम, हमें आपसे कुछ बात कहनी है। “
“हाँ बोलो” – मैम ने कहा।
“हमें इस ग्रुप में नहीं रहना, हमें तो आप किसी और ग्रुप में डाल दो। ” – अभिनव ने कहा।
“क्यों नहीं रहना, कोई कारण तो बताओ। ” – रिद्धि मैम ने अभिनव से पूछा।
अभिनव ने कहा – ” वो क्या है ना मैम, हमें…. अपने दोस्तों के ग्रुप में जाना है। “
मैम ने अभिनव को डांटते हुए कहा -” क्या तुम कोई छोटे बच्चे हो, ये कोई बहाना हुआ। कोई और कारण हो तो बताओ। वरना ग्रुप चेंज नहीं होगा। “
प्रेक्षा जानती थी कि अभिनव ये सब उसी की वजह से कर रहा है। और वो ये भी जान गयी थी कि मैम ग्रुप चेंज करने के लिए बिल्कुल नहीं मानेगी। इसीलिए उसने मैम से कुछ भी ना कहने का फैसला किया।
“अच्छा, चौथे लेक्चर से लास्ट लेक्चर तक करना होगा प्रोजेक्ट पूरा। तो, प्लीज़ सब ग्रुप मैंबर्स मिलकर काम करें। ” – मैम ने सभी को समझाया।
“अगर इतने समय में प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ तो मैम” – राजीव ने पूछा। राजीव क्लास का सबसे इंटेलिजेंट लड़का था। वह स्पोर्ट्स में भी अच्छा था। सभी टीचर्स उसे पसंद करते थे।
रिद्धि मैम ने जवाब दिया – ” देखो राजीव, वैसे तो इतने समय में प्रोजेक्ट होना ही चाहिए क्योंकि मार्क्स आज की परफॉर्मेंस के हिसाब से ही मिलेंगे।, लेकिन फिर भी अगर नहीं हुआ और आप पूरा करना चाहें तो सभी टीम मैंबर्स को लास्ट लेक्चर के बाद रुक कर उसे पूरा करना होगा। उसमें आपको फाइव मार्क्स और प्रोजेक्ट पूरा करने के मिल जायेंगे। उससे ज्यादा नहीं।”
रिद्धि मैम ने अपनी किताब उठाते हुए कहा – ” और हाँ, एक बात और नेक्स्ट डे आपको ये प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए सिर्फ आधा घंटा ही एक्स्ट्रा मिलेगा। ”
“ओह्ह! ओके मैम” – राजीव ने कहा।
पहले लेक्चर की बेल लगी। मैम क्लास से बाहर भी नहीं गयी होगी कि सभी ग्रुप मैंबर्स अपने प्रोजेक्ट की चर्चा में लग गए। जहाँ एक तरफ सभी ग्रुप अपने प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा कर रहे थे। प्रेक्षा और अभिनव एक दूसरे को देख भी नहीं रहे थे।
राजीव ने प्रेक्षा और अभिनव से पूछा – “क्या तुम दोनों ने अपने प्रोजेक्ट की थीम के बारे में कुछ सोचा है। ” दोनों ने एक साथ बोला। अभिनव ने कहा -” नहीं ” तो प्रेक्षा ने कहा – ” हाँ “, फिर दोनों एक दूसरे को गुस्से से देखने लगे। राजीव दोनों के जवाब सुनकर हँसने लगा और बोला – ” ठीक है प्रेक्षा, मुझे तीसरे लेक्चर में वो थीम बताना ताकि प्रोजेक्ट के बारे में डिस्कस कर ले। ” फिर राजीव ने अभिनव को देखा और कहा – ” तुम भी मिल लेना तभी, तुम भी अपने पॉइंट ऑफ व्यूज़ रख देना। ”
“नहीं, हम नहीं मिल पाएंगे। आप लोग ही विचार – विमर्श कर लेना।” – अभिनव ने जवाब दिया।
“अच्छा, कोई बात नहीं ” – राजीव ने कहा और प्रेक्षा की तरफ देखते हुए बोला – ” ठीक है फिर प्रेक्षा, तुम अपनी थीम का आईडिया मेरे साथ ही शेयर कर लेना। ” फिर राजीव सामने देखने लगा। इतेहास की मैम आ गयी और सब पढाई में लग गए। आज तो टीचर भी हैरान थी सबको पढाई में डूबे देख। लेकिन वास्तव में तो सब अपने – अपने ग्रुप में बैठ कर प्रोजेक्ट के बारे में बातचीत कर रहे थे।
क्लास के बाद जब टीचर बाहर गयी तो सभी जोरों – शोरो से अपने प्रोजेक्ट के बारे में डिस्कस करने लगे क्योंकि उन्हें पता था आज रणवीर सर अब्सेंट् थे। इसीलिए ये वाला लेक्चर फ्री था। जीविका अपने ग्रुप मैंबर्स के पास बैठ गया। राजीव और प्रेक्षा प्रोजेक्ट के बारे में डिस्कस कर रहे थे । अभिनव ने पीछे मुड़कर दोनों को देखा। प्रेक्षा राजीव को अपने थीम समझा रही थी। अभिनव उन्हें बार – बार मुड़ कर देख रहा था। वो बहुत बेचैन हो रहा था। उसने मना तो कर दिया था। पर वो अब वहाँ जाना चाहता था। पर वो ये समझ नहीं पा रहा था कि क्यों वो प्रेक्षा की तरफ खिंचा चला जा रहा था।
10 मिनट बाद अभिनव राजीव और प्रेक्षा के पास गया। और राजीव से बोला -” राजीव आपको कोई बाहर ढूंढ रहा था। “
इससे पहले अभिनव आगे कुछ बोलता। राजीव बोला – ” शायद A. M सर बुला रहे है तो प्रेक्षा बाकी चीज़े तुम और अभिनव डिस्कस कर लो, मैं अभी आया। ”
राजीव क्लास से बाहर चला गया। अभिनव प्रेक्षा के पास बैठ गया। दोनों एक दम शांत बैठे थे। तभी अभिनव ने प्रेक्षा से पूछा – ” वैसे क्या थीम सोची है आपने “
प्रेक्षा ने कहा – ” सोइल् से रिलेटेड है, वी कैन प्रेपेयर प्रोजेक्ट ऑन डिफ्फरेंट काएंड् ऑफ सोइल् ”
अभिनव ने मुस्कुराते हुए हाँ में गर्दन हिलायी। दोनों साथ में बैठे तो थे पर बात कुछ नहीं हो रही थी। अभिनव कुछ कहने के लिए प्रेक्षा की तरफ मुड़ा ही था कि राजीव आ गया।
“यार, सर ने तो नहीं बुलाया। हाँ, पर सर बहुत खुश थे क्योंकि मैं खुद से चला गया था। पर वो लड़का कौन था? ” – राजीव ने बैठते हुए पूछा।
“हम तो जानते नहीं” – अभिनव ने राजीव की तरफ देखकर कहा।
“छोड़ो, चलो अपने प्रोजेक्ट पर फोकस करते है ” – राजीव ने कहा और प्रेक्षा की नोटबुक में देखने लगा।
अभिनव भी प्रेक्षा की तरफ देखने के लिए मुड़ा तो देखा की प्रेक्षा उसे शक भरी निगाहों से देख रही थी। तभी अभिनव ने कहा – ” चलिए करते है प्रोजेक्ट के बारे में बात।
इससे पहले की प्रेक्षा कुछ बोलती, बेल लग गयी। सभी स्टूडेंट्स रिद्धि मैम के पास जाने लगे।
“मैम कहाँ है? ” – एक स्टूडेंट ने पूछा।
“ऑडिटोरियम में बुलाया है मैम ने सबको, अभी स्टाफ रूम में बोला था मुझे” – राजीव ने सबको बताया और सब ऑडिटोरियम की तरफ चल दिये। अभिनव ने राजीव को देखते हुए कहा – ” तो फिर हमे ऑडिटोरियम में चलना चाहिए, राइट। “
राजीव ने कहा – ” हाँ चलो चलते है, प्रेक्षा.. …अभिनव। “
फिर सब ऑडिटोरियम में चले गए।
ऑडिटोरियम में पहुँचते ही सबने अपने – अपने प्रोजेक्ट का काम शुरू कर दिया। सबने अपने प्रोजेक्ट की थीम मैम को बताये।
राजीव, अभिनव और प्रेक्षा की टीम से प्रेक्षा को भेजा। मैम को उनकी थीम बहुत पसंद आई।
राजीव ने अभिनव को लाईब्रेरि जाकर सारा कंटेंट लिखकर लाने को कहा। पर अभिनव ने राजीव को भी साथ चलने को कहा। फिर राजीव और अभिनव दोनों लाईब्रेरि चले गए।
इधर प्रेक्षा प्रोजेक्ट के रीप्रेसेंट्टेशन की तैयारी करने लगी।
डेढ़ घंटे बाद अभिनव और राजीव लाईब्रेरि से सारा कंटेंट लिख कर ले आये। प्रेक्षा ने प्रोजेक्ट फाइल तैयार कर ली थी। साथ ही में मॉडल पर भी काम करना शुरू कर दिया था। मॉडल अल्मोस्ट तैयार था बस कुछ डेकोरेशन और सोइल् सैंपल लगाने का काम बाकी था ।
अभिनव ने प्रेक्षा को सारा कंटेंट पकड़ाते हुए कहा – ” लीजिये फाइल में लिखने का काम आप कीजिये।आप की हैंडराइटइंग अच्छी होगी ना। “
राजीव ने भी इस बात की सहमति देते हुए कहा – ” हाँ प्रेक्षा, अभिनव सही कह रहा है, अगर तुम्हे कोई भी हेल्प चाहिए हो तो तुम हमें बोल सकती हो। “
प्रेक्षा ने जवाब दिया – “ठीक है, ये काम मैं कर दूँगी, लेकिन… प्रेक्षा ने अपनी बात पूरी भी नहीं की थी कि दोनों ने एक साथ कहा – ” बाकी काम हम कर देंगे। “
प्रेक्षा मुस्कुराई और अपना काम करने लगी।
बाकी काम अभिनव और राजीव करने लगे।
अचानक प्रेक्षा के हाथ से इंक टकरा कर प्रोजेक्ट पेपर पर गिर गयी। सारी रिपोर्ट खराब हो गयी। प्रेक्षा घबरा गयी और रोने लगी क्योंकि उसे बुरा लग रहा था कि उसकी वजह से पूरी टीम के अंक कट जायेंगे।
तभी अभिनव और राजीव ने ये देखा तो वो प्रेक्षा को समझाने लगे। राजीव ने कहा – ” कोई बात नहीं प्रेक्षा, हम एक टीम में है तो तीनों मिलकर कर लेंगे। और वैसे भी कल का टाइम भी तो है अभी”
प्रेक्षा ने फिर घबराते हुए कहा – ” लेकिन वो तो सिर्फ आधा घंटा ही है। और अब भी सिर्फ एक ही घंटा है। ” और फिर मार्क्स भी तो आज की ही परफॉर्मेंस के मिलेंगे ।
राजीव ने कहा – “कोई नहीं कल कुछ मार्क्स तो मिलेंगे ही। “
अभिनव ने कहा – ” आप चिंता मत कीजिये, ये काम हम पर छोड़ दीजिये। हमें ये काम करने के लिए सिर्फ आधा घंटा ही चाहिए। “
अभिनव ने रिपोर्ट को तीन हिस्सों में बांट दिया। एक पार्ट प्रेक्षा को दिया और बाकी वो और राजीव करने लगे।सही आधे घंटे में रिपोर्ट तैयार हो गयी थी।
एक घंटे बाद जब मैम ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी तो उनकी टीम पहली थी रिपोर्ट सबमिट् कराने वाली।
मैम बहुत खुश हुई उनकी रिपोर्ट देखकर और इसीलिए मैम ने उनकी रिपोर्ट को अच्छे अंक भी दिये।
8 responses to “इंतेहा प्यार की #3”
Your art of narrating the story is excellent, keep it up. nice post ma’am👌👌🙏🌻
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Thank you for the encouragement. I really need some light. Thank you so much. It means a lot. 🙂
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Please tell me there’s a part 4 to this??
It can’t end!! There’s like so many things unanswered. Need more!!!
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Yeah! It has 12 more episode on pocket fm
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Tabi me sochu ki story yaha to khatam ni hui, to waki part kaha he!!
Hey, kindly promote it, so that more people can know about it.
Great job preetverse!
Nothing but the respect for you and your work.
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This kind of comment really make me happy. You inspired with you blogs for healthy life style and you also motivated me. Thank you ver very much. 🙂🙏🙏🙏😊
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You write well, so I’m also inspired to write something interesting and intriguing like you 😁
I’m here to learn from your work 🙇🏻♂️
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Glad to know that. We are learning from each other. It’s a pleasure to connect with you🙂
Thank you for such motivational words. 😊🙏
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